
रायपुर /इस कानून के तहत, जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान होगा। यदि कोई व्यक्ति इस कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए धर्म परिवर्तन करता है, तो उसे मान्यता नहीं दी जाएगी, और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों, विशेषकर बस्तर, जशपुर और रायगढ़ में बड़े पैमाने पर ईसाई धर्मांतरण की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे सामाजिक तनाव बढ़ रहा है। धर्मांतरण के दबाव के चलते कुछ युवकों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाएं भी हुई हैं। पिछले 11 महीनों में, धर्मांतरण के खिलाफ 13 एफआईआर दर्ज की गई हैं, और बस्तर संभाग में 23 शिकायतें पुलिस को प्राप्त हुई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने संकेत दिया है कि धर्मांतरण, मतांतरण और बाद में राष्ट्रांतरण का रूप लेता है, इसलिए इस पर कड़ा कानून आना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म विरासत में मिलता है, यह किसी की अर्जित की गई सम्मति नहीं है।
वर्तमान में, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है। लोग बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के दूसरे धर्म को स्वीकार कर लेते हैं। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, राज्य का गृह विभाग विभिन्न राज्यों में लागू धर्मांतरण कानूनों का अध्ययन कर रहा है, ताकि छत्तीसगढ़ में एक प्रभावी कानून बनाया जा सके। उत्तर प्रदेश का धर्मांतरण कानून इस संदर्भ में विशेष रूप से प्रभावी माना जा रहा है, और उसके कई प्रावधान छत्तीसगढ़ में लागू किए जा सकते हैं।
इस प्रकार, छत्तीसगढ़ सरकार धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं को नियंत्रित करने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए एक सख्त कानून लाने की दिशा में कार्यरत है।