
बिलासपुर। सीपत एनटीपीसी राखड़ डेम में कार्यरत ग्राम रलिया के मजदूरों ने न्यूनतम मजदूरी और भुगतान संबंधी अनियमितताओं के विरोध में आवाज उठाई है। मजदूरों का आरोप है कि ठेकेदार उन्हें सरकारी मानकों के अनुरूप न्यूनतम मजदूरी नहीं दे रहे हैं। आधे भुगतान के चलते मजदूरों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। जब मजदूरों ने ठेकेदार से इस मुद्दे पर सवाल उठाए, तो उन्हें काम से निकाल दिया गया।
मजदूरों की इस समस्या को लेकर एनटीपीसी मजदूर यूनियन संघ ने विरोध प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। यूनियन के नेतृत्व में ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने के लिए मजबूर होंगे। मजदूरों ने अपनी मांगों में काम पर वापस लिए जाने, न्यूनतम मजदूरी के भुगतान, और उनकी समस्याओं के समाधान को शामिल किया है।
फिलहाल, एनटीपीसी प्रबंधन और मजदूर यूनियन के बीच बातचीत जारी है। यूनियन के पदाधिकारियोंअध्यक्ष मुकेश सिंह धूरी, महामंत्री जेके राठौड़, कोषाध्यक्ष पूजा प्रजापति, कार्यकारिणी रानू सोनी एवं ग्रामवासी ने चेताया है कि यदि उनकी मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया गया, तो आंदोलन तेज होगा।
मजमजदूरों का कहना है कि राखड़ डेम पर काम करने के दौरान वे कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं, लेकिन ठेकेदारों की मनमानी और मजदूरी में कटौती ने उनकी परेशानियां और बढ़ा दी हैं। उनका कहना है कि बार-बार आग्रह के बावजूद ठेकेदार कोई उचित समाधान नहीं निकाल रहे हैं।दूरी में एनटीपीसी अध्यक्ष मुकेश सिंह दूरी महामंत्री जेके राठौड़ कोषाध्यक्ष पूजा प्रजापति कार्यकारिणी रेणु सोनी एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे
मजदूरों का कहना है कि राखड़ डेम पर काम करने के दौरान वे कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं, लेकिन ठेकेदारों की मनमानी और मजदूरी में कटौती ने उनकी परेशानियां और बढ़ा दी हैं। उनका कहना है कि बार-बार आग्रह के बावजूद ठेकेदार कोई उचित समाधान नहीं निकाल रहे हैं।